Monday, 8 April 2019

जानिये आपके शरीर का कौनसा चक्र बिगडा हुवा है एवं उस को ठीक कैसे करे

 जानिये आपके शरीर का कौनसा चक्र  बिगडा हुवा है  एवं उस को ठीक कै
से करे 🔯 7 Chakra's of Our Body🔆

(1) मूलाधार चक्र
 - गुदा और लिंग के बीच चार पंखुरियों वाला 'आधार चक्र' है । आधार चक्र का ही एक दूसरा नाम मूलाधार चक्र भी है। इसके बिगड़ने से वीरता, धन ,समृधि ,आत्मबल ,शारीरिक बल ,रोजगार ,कर्मशीलता,घाटा,असफलता  रक्त  एवं हड्डी के रोग, कमर व पीठ में दर्द, आत्महत्या के  बिचार ,डिप्रेशन  ,केंसर अदि होता है।

(2) स्वाधिष्ठान चक्र
- इसके बाद स्वाधिष्ठान चक्र लिंग मूल में है । उसकी छ: पंखुरियाँ हैं । इसके बिगड़ने पर क्रूरता,गर्व,आलस्य, प्रमाद, अवज्ञा, नपुंसकता ,बाँझपन ,मंद्बुधिता ,मूत्राशय  और गर्भाशय  के रोग ,अध्यात्मिक  सिद्धी में बाधा   बैभव के आनंद में कमी  अदि होता है।

(3) मणिपूर चक्र
 - नाभि में दस दल वाला मणिचूर चक्र है । इसके इसके बिगड़ने पर तृष्णा, ईष्र्या, चुगली, लज्जा, भय, घृणा, मोह, अधूरी सफलता ,गुस्सा ,चिंचिरापन, नशाखोरी,तनाव ,शंकलुप्रबिती,कई तरह की बिमारिया ,दवावो का  काम न करना ,अज्ञात भय ,चहरे का तेज गायब ,धोखाधड़ी, डिप्रेशन,उग्रता ,हिंशा,दुश्मनी ,अपयश ,अपमान ,आलोचना ,बदले की भावना ,एसिडिटी ,ब्लडप्रेशर,शुगर,थाईरायेड,सिरएवं शारीर  के दर्द,किडनी ,लीवर ,केलोस्ट्राल,खून का रोग आदि  इसके बिगड़ने का मतलब  जिंदगी  का  बिगड़ जाना ।

(4) अनाहत चक्र
- हृदय स्थान में अनाहत चक्र है । यह बारह पंखरियों वाला है । इसके बिगड़ने पर लिप्सा, कपट, तोड़ -फोड़, कुतर्क, चिन्ता,नफरत ,प्रेम में असफलता ,प्यार में धोखा ,अकेलापन ,अपमान, मोह, दम्भ, अपनेपन में कमी ,मन में उदासी , जीवन में बिरानगी ,सबकुछ होते हुए भी बेचनी, छाती में दर्द ,साँस लेने में दिक्कत ,सुख का अभाव, ह्रदय  व फेफड़े के रोग, केलोस्ट्राल में बढ़ोतरी अदि ।

(5) विशुद्धख्य चक्र -
कण्ठ में विशुद्धख्य चक्र यह सरस्वती का स्थान है । यह सोलह पंखुरियों वाला है। यहाँ सोलह कलाएँ सोलह विभूतियाँ विद्यमान है, इसके बिगड़ने पर वाणी दोष, अभिब्यक्ति में कमी ,गले ,नाक,कान,दात, थाई रायेड, आत्मजागरण में  बाधा आती है।

(6) आज्ञाचक्र -
भू्रमध्य में आज्ञा चक्र है, यहाँ '?' उद्गीय, हूँ, फट, विषद, स्वधा स्वहा, सप्त स्वर आदि का निवास है । इसके बिगड़ने पर एकाग्रता ,जीने की चाह,निर्णय की सक्ति, मानसिक सक्ति, सफलता की राह आदि इसके बिगड़ने  मतलब  सबकुछ  बिगड़  जाने का  खतरा ।                                                     
(7) सहस्रार चक्र -
सहस्रार की स्थिति मस्तिष्क के मध्य भाग में है । शरीर संरचना में इस स्थान पर अनेक महत्वपूर्ण ग्रंथियों से सम्बन्ध रैटिकुलर एक्टिवेटिंग सिस्टम का अस्तित्व है । वहाँ से जैवीय विद्युत का स्वयंभू प्रवाह उभरता है ।इसके बिगड़ने पर  मानसिक बीमारी, अध्यात्मिकता का आभाव ,भाग्य  का साथ न देना अदि ।

🔆अपने  चक्रों और अन्य के चक्र को ठीक करे🔆

चक्रों के जाग्रत होने से व्‍यक्‍ति के पूरे व्‍यक्‍तित्‍व में सकारात्‍मक प्रभाव देखने को मिलता है।अपने चक्र को जगाने का सब से आसान तरिका है divine healing

Sunday, 7 April 2019

Divine energy दिव्य ऊर्जा के लाभ

Divine energy  दिव्य ऊर्जा

दिव्य ऊर्जा का लाभ
1  किसी का  भी शारीरिक रोग ठीक किया जा सकता है।
2. किसी का  भी मानसिक रोग को बहुत हद तक ठीक किया जा सकता है।
3. इसके माध्यम से किसी भी प्रकार का डर या फोबिया दूर किया जा सकता है।
4.  इससे व्यक्ति का विकास कर सफलता अर्जित की जा सकती है।
5.दूर बैठे किसी भी व्यक्ति की किसी भी खराब हालात में सहायता की जा  सकती है।
6. आभामंडल को clean किया जा सकता है 
7. अभिब्यक्ति   की योग्यता  बढाई  जा  सकती है । 
8. इसके माध्यम से किसी की भी जान बचाई जा सकती है।
9. इसके माध्यम से लोगों का दु:ख-दर्द दूर किया जा सकता है।
10. इसके माध्यम से खुद की बुरी आदतों से छुटकारा पाया जा सकता है।
11. इसके माध्यम से भरपूर आत्मविश्वास और निडरता हासिल की जा सकती है।
12.किसी को भी  नशे की लत से मुक्ति दिलाई जा सकती है ।
13.अपने बयक्तित्व  को प्रभावशाली  व आकर्षण वान बना सकते है ।
14. स्मरण शक्ति तीब्र  की जा सकती है  ।                           
15.गृह क्लेश  समाप्त किया जा सकता है ।
16.किसी को भी अपने अनुकूल  किया जा सकता है ।
17. संबंधो में  आपार प्रगाढ़ता लायी जा सकती है ।
18.अनिद्रा व   डिप्रेशन  से  पूरी तरह   छुट कारा पाया जा सकता है   ।   
 19. एकग्रत्ता    बढाई       जा सकती है  ध्यान की गहराईयों मे जा सकते है

Wednesday, 13 March 2019

ये 12 पौधे आपको धनवान बना देंगे, एक बार लगा कर देखें



आप मानो या न मानो लेकिन अधिकतर लोग तो मानते हैं कि धन देने वाले पेड़ और पौधे भी होते हैं। आओ जानते हैं 12 ऐसे पौधों के बारे में जिनमें से घर में दो या तीन पौधे लगाकर आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं।

1- तुलसी का पौधा
तुलसी को माता लक्ष्मी का दूसरा रूप माना गया है। घर में तुलसी का पौधा पूर्व दिशा या ईशान कोण में लगाएं। तुलसी सभी तरह के रोगाणु को घर में आने से पहले ही नष्ट कर देती है। यह घर में सुख, शांति और समृद्धि का विकास करती है। इसके नियमित सेवन से किसी भी प्रकार का गंभीर रोग नहीं होता है।

2- हरसिंगार
पारिजात के फूलों को हरसिंगार और शैफालिका भी कहा जाता है। यह वृक्ष जिस भी घर-आंगन में होता है,
वहां हमेशा शांति-समृद्धि बनी रहती है। इसके फूल तनाव हटाकर खुशियां ही खुशियां भरने की क्षमता रखते हैं।

3- श्वेत अपराजिता
यह पौधा धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है। संस्कृत में इसे आस्फोता, विष्णुकांता, विष्णुप्रिया, गिरीकर्णी, अश्वखुरा कहते हैं। श्वेत और नीले दोनों प्रकार की अपराजिता औषधीय गुणों से भरपुर है।

4- श्वेतार्क
श्वेतार्क दूधवाला पौधा होता है, जो गणपति का प्रतीक है। वास्तु अनुसार दूध से युक्त पौधों का घर की सीमा में होना अशुभ होता है किंतु श्वेतार्क इसका अपवाद है, जिसे घर के समीप उगा सकते हैं। इससे घर में सुख, शांति और सदैव बरकत बनी रहती है।

5- कनेर
कनेर की तीन तरह की प्रजातियां होती है। एक सपेद कनेर, दूसरी लाल कनेर और तीसरी पीले कनेर। कनेर के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। देवी लक्ष्मी को सफेद कनेर के फूल चढ़ाए जाते हैं। पीले रंग के फूल भगवान विष्णु को प्रिय होते हैं।

6- अश्वगंधा
वास्तुशास्त्र के अनुसार अश्वगंधा का पेड़ लगाने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। अश्वगंधा का पेड़ अत्यन्त लोकप्रिय आयुर्वेदिक औषधि भी है जिसके कई तरह के लाभ हैं।

7- रजनीगंधा
रजनीगंधा की तीन किस्में होती है। इसका सुगंधित तेल और इत्र भी बनता है। इसके कई औषधीय गुण भी है।

8- नारियल का वृक्ष
मान्यता है कि नारियल का पेड़ सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है। यह मंगलकारी पेड़ घर के प्रांगण में हो तो धन और समृद्धि बनी रहती है। नारियल के पेड़ के होने से राहु या केतुजनित समस्या नहीं रहती।

9- केले का पेड़
समृद्धि के लिए केले के पेड़ की पूजा की जाती है। घर की चारदीवारी में केले का वृक्ष लगाना शुभ है। बृहस्पति ग्रह का कारक होने के कारण इसे ईशान कोण में लगाना शुभ है। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को केले का भोग लगाया जाता है।

10- लक्ष्मणा
लक्ष्मणा का पौधा भी धनलक्ष्मी को आकर्षित करने में सक्षम है। घर में किसी भी बड़े गमले में इसे उगाया जा सकता है। कहते हैं कि जिस किसी के भी घर में सफेद पलाश और लक्षमणा का पौधा होता है वहां धनवर्षा होना शुरू हो जाती है।

11- क्रसुला ओवाटा
मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से यह धन को आकर्षित करता है। फेंगशुई अनुसार क्रासुला अच्छी-ऊर्जा की तरह धन को भी घर की ओर खींचता है। अंग्रेज़ी में इसे जेड प्लांट, फ्रेंडशिप ट्री, लकी प्लांट या मनी प्लांट कहते हैं।

12-  मनी प्लांट
मान्यता है कि इस बेल के घर में रहने से समृद्धि बढ़ती है। मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित माना गया है। इस दिशा के देवता गणेशजी हैं जबकि प्रतिनिधि शुक्र हैं।